Last modified on 27 जुलाई 2018, at 13:29

हाइकु 129 / लक्ष्मीनारायण रंगा

हाथ‘र पग
माथो‘र मन सै है
फेर गरीब?


धर्म रा पोथा
जुगां-जुगां पढिया
मानखो पढ


आभो बणनो
कितो दौरो हुवै है
पूछ आभै नैं