आभो तो बस
भरम है मन रो
धरती पूज
माटी‘र बीज
जे दोनूं हुवै आछा
फसल आछी
समै तो हुवै
पून रै लैर‘कै ज्यूं
उठ‘र झाल
आभो तो बस
भरम है मन रो
धरती पूज
माटी‘र बीज
जे दोनूं हुवै आछा
फसल आछी
समै तो हुवै
पून रै लैर‘कै ज्यूं
उठ‘र झाल