अहिंसा पाळो
हत्या करा‘र भी थे
खुल‘र हांसो
नेताजी कै‘वै
‘‘छाण रिगत पीवां
साकाहारी हां’’
जाग जा अबै
सांसा उडै है रूई ज्यूं
नीं रूकै रोक्यां
अहिंसा पाळो
हत्या करा‘र भी थे
खुल‘र हांसो
नेताजी कै‘वै
‘‘छाण रिगत पीवां
साकाहारी हां’’
जाग जा अबै
सांसा उडै है रूई ज्यूं
नीं रूकै रोक्यां