फसलां झूमैं
जद-जद धरा मा
मीठी मुळकै
न आभो बोलै
न कीं धरा ई कै‘वै
प्रीत निभावै
पिंजरवासा
सुपनां लां अकासां
अधर झूलां
फसलां झूमैं
जद-जद धरा मा
मीठी मुळकै
न आभो बोलै
न कीं धरा ई कै‘वै
प्रीत निभावै
पिंजरवासा
सुपनां लां अकासां
अधर झूलां