मैली है गंगा
सोचै है भागीरथ
क्यूं लायो धरा?
देवां रौ देस!
करै है भू-पुतर
आत्महत्यावां
धरा री पीड़
रो रै‘यो है पहाड़
नदी रै रूप
मैली है गंगा
सोचै है भागीरथ
क्यूं लायो धरा?
देवां रौ देस!
करै है भू-पुतर
आत्महत्यावां
धरा री पीड़
रो रै‘यो है पहाड़
नदी रै रूप