झुक जावैला
आंधी अर तूफाण
पग तो उठा
प्रकृति बिना
पुरूस खुद रै‘वतो
सदा निसंग
जद भी बणै
धर्म हथियार, तो
मरै मानखो
झुक जावैला
आंधी अर तूफाण
पग तो उठा
प्रकृति बिना
पुरूस खुद रै‘वतो
सदा निसंग
जद भी बणै
धर्म हथियार, तो
मरै मानखो