जळसा घर
मन भर घूम थूं
गुमजै मती
फेरती रै‘वै
म्हारै माथै हाथ मा
मरयां पछै भी
पाणी सूं बर्फ
पाछी पिछळ पाणी
है पुनर्जन्म
जळसा घर
मन भर घूम थूं
गुमजै मती
फेरती रै‘वै
म्हारै माथै हाथ मा
मरयां पछै भी
पाणी सूं बर्फ
पाछी पिछळ पाणी
है पुनर्जन्म