Last modified on 26 जुलाई 2018, at 21:30

हाइकु 74 / लक्ष्मीनारायण रंगा

अे आभै‘र
धरती बीच बस्या
सै भाई-भाई


अेक है ब्रह्म
फेर अेक क्यूं नीं है
उणरा जाया?


धोळा ऊंदरा
जम्या सिंघासणां‘र
सिंघ जमीं पे