Last modified on 26 जुलाई 2018, at 22:10

हाइकु 86 / लक्ष्मीनारायण रंगा

हत्यारा कोनीं
बस मिनख मारै
भाई कैवा‘वै


घोर अंधार
इण सूं लड़ रैयो
नांनौ आगियो


राज भी करो
घर सोने सूं भरो
दो हाथां लाड्डू