खुला दरवाजा मत खड़काओ
कब से खोल कर रखा है...?
जब तुम चली थी
मैं ही रूकती - रूकती
आ रही हूँ
राहों संग रुकावटों संग
तेरी देरी
मेरी गैर हाज़री
पर मेरी पहुँच
तेरी हाज़री भी है...
खुला दरवाजा मत खड़काओ
कब से खोल कर रखा है...?
जब तुम चली थी
मैं ही रूकती - रूकती
आ रही हूँ
राहों संग रुकावटों संग
तेरी देरी
मेरी गैर हाज़री
पर मेरी पहुँच
तेरी हाज़री भी है...