हाथों में हाथ थामना किसी प्रिय का
आप पाते हैं कि वे नाजुक पिंजरे हैं...
गा रहे होते हैं नन्हे पंछी
हाथ के निर्जन मैदानों
और गहरी घाटियों में
अनुवाद : मनोज पटेल
हाथों में हाथ थामना किसी प्रिय का
आप पाते हैं कि वे नाजुक पिंजरे हैं...
गा रहे होते हैं नन्हे पंछी
हाथ के निर्जन मैदानों
और गहरी घाटियों में
अनुवाद : मनोज पटेल