सरदार पटेल होते तो ये सब न होता
कश्मीर की समस्या का तो सवाल ही नहीं था
ये आतंकवाद-वातंकवाद कुछ न होता
अब तक मिसाइल दाग चुके होते
साले सबके सब हरामज़ादे एक ही बार में ध्वस्त हो जाते
सरदार पटेल होते तो हमारे देश में
हमारा इस तरह अपमान न होता !
ये साले हुसैन-वुसैन
और ये सूडो-सेकुलरिस्ट
और ये कम्युनिस्ट-वमुनिस्ट
इतनी हाय तौबा मचाते !
हर कोई ऐरे गैरे साले नत्थू खैरे
हमारे सर पर चठ़कर नाचते !
आबादी इस कदर बढ़ती !
मुट्ठीभर पढ़ी लिखी शहरी औरतें
इस तरह बक बक करतीं !
सच कहें,सरदार पटेल होते
तो हम दस बरस पहले प्रोफ़ेसर बन चुके होते !