Last modified on 28 जून 2017, at 12:28

हारग्या / मधु आचार्य 'आशावादी'

कैवै हैै-
तैराक री ई विधवा हुवै
जिको तिरणो जाणै
बो इज डूबै
अबकाळै तो साची हुयगी आ बात !
सरपंची रै चुणाव मांय
हारग्या मूळजी
चुणाव री बेळा वादा करता
पांच साल तांई
खुद रा ई घर भरता
चुणाव आवतां ई फेरूं आवता
भासण रा लसड़का लगावता
वोट लेय ‘र जीत जावता।
अबकी सागीड़ी हुई
लोगां भासण सुणिया
जीमण जीमिया
पण वोट आळी टेम
चोट करग्या।
चुणाव रा खिलाड़ी
च्यारूं कानह चित हुयग्या
हजारूं वोटां सूं हारग्या
जाणै माईत ई मरग्या।