गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 5 नवम्बर 2009, at 13:22
हासिल / अरुण कमल
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
अरुण कमल
»
नये इलाके में
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
नोक महीन से महीन
करने की ज़िद में इतना
छीलता गया पेन्सिल
कि अन्त में हासिल रहा
ठूँठ ।