पुरुष सभ्भे परिस्थिति में प्रसन्ने रहै छै
पत्नी रहेॅ कि नै रहेॅ,
जवानी रहेॅ कि बुढ़ापा
कोय फिकर नै!
लेकिन एक बात छै
जवानी सें ज्यादा जरूरतमंद
बुढ़ापे होय छै
चार-चार बच्चा पैदा करौं हम्में
पाँचमोॅ हिनखौ लैलेॅ पड़ै छै
जिनगी भर पत्नी केॅ तरसावै वााल
बुढ़पा प्रायश्चित्है में गुजारै छै
यानि की कहिहौं, प्रेम
अधिकाधिक बढ़ी जाय छै
पत्नी संतुष्ट छै, खुश छै
ई सोची केॅ... बूझी केॅ
आबेॅ तेॅ हमरे जीत छै
विजय श्री तेॅ हमरे हाथ छै
खैर अन्तभला तेॅ
सब भला