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हिन्दी भाषा का रुतवा / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

जब गुड़िया कापी में लिखती ,
    क, ख, ग, घ, च, छ ,ज |
    हंसकर सबको बतलाती है ,
    हिन्दी भाषा का रुतवा |

    मजबूरी में जब अंग्रेजी ,
    में ए. बी .सी .डी लिखती |
    हारी हारी थकी थकी सी ,
    सूखे पत्ते सी दिखती |

    गुस्से में कहती है मुझको ,
    हिन्दुस्तानी पढ़ना है |
   अंग्रेजी भाषा से मुझको ,
   अभी नहीं माँ जुड़ना है |