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हिसाब / प्रकाश

मुझे हर साँस का हिसाब देना था

मुझे चंद साँसों में फूलों से घुल-मिल जाना था
बस एक साँस में पूछ लेना था
मिट्टी से उसके बचपन का नाम
कुछ साँसों में हर चिड़िया से
उसकी प्यार करने की आदत
के बारे में पूछना था
पूछना था सभी पेड़ों से अलग-अलग
उनका हाल

मेरे पास साँसें कम थीं
इन्हीं में ब्रह्माण्ड की पूरी क़िताब पढ़ लेनी थी!