हृदय ही जानता प्रियवर! विरह की है व्यथा कितनी?
प्रणय ने अश्रु से लिक्खे, अजानी हैं कथा कितनी?
प्रतीक्षा आयु भर तेरे अयन की कर थके अब तो
सुनाऊँ अब भला बोलो! , कहानी वह वृथा कितनी?
हृदय ही जानता प्रियवर! विरह की है व्यथा कितनी?
प्रणय ने अश्रु से लिक्खे, अजानी हैं कथा कितनी?
प्रतीक्षा आयु भर तेरे अयन की कर थके अब तो
सुनाऊँ अब भला बोलो! , कहानी वह वृथा कितनी?