जमानो बंध्योड़ो है-
जात अर धरम मांय
मिनख-मिनख बिचाळै
ऐ डीगी-डीगी भींतां ई भींतां।
आं चमकता कंगूरा नैं
ओळखतो कुण
किणनैं दिखावता
लोक देखापै री आ चमक
जे हेत मांय नीं रळती नींव...
हेत नैं नीं पूग सकै
आपां री सींव
निवण हेत नैं....
निवण रेत नैं....