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हे गे माय / धनन्जय मिश्र

हे गे माय, हे गे माय
खुट्टा तोरी भागलोॅ गाय
जल्दी लाने खोजी केॅ
नैतेॅ जैतौ गाय हेराय।

हे गे माय, हे गे माय
जों गेलौ नी गाय हेराय
दूध कहाँ सें मिलतौ माय
दूधे नै तेॅ आफत होतौ
बुद्धि जैतौ सब ओझराय।
हे गे माय ...

हे गे माय दहीं बताय
धरती कैन्हें डोलै छै?
कोयल कैन्हें बोलै छै?
उठे सुनामी सागर में?
दूध कैन्हें नी छागर में?

कैन्हें बगुला उड़ै छै धारी?
हाथी कैन्हें सब सें भारी?
यही सवालोॅ केॅ आयं तोहें
हमरा सबकेॅ दैं समझाय।
तभिये खैबो खाना आय।
हे गे माय ...