होतै वहा जे होना होतै।
जे जे चाहबै ओना होतै।
धरती के उटकी-पैची केॅ
ढेला, गरदा सोना होतै।
अैलो गेलो के हाँथों मेॅ
जलखै भरलो दोना होतै।
खुषहाली घर के चैकठ तक
चक-चक कोना-कोना होतै।
अगहन मेॅ पोथी बतलाबै
राही जी के गौना होतै।
होतै वहा जे होना होतै।
जे जे चाहबै ओना होतै।
धरती के उटकी-पैची केॅ
ढेला, गरदा सोना होतै।
अैलो गेलो के हाँथों मेॅ
जलखै भरलो दोना होतै।
खुषहाली घर के चैकठ तक
चक-चक कोना-कोना होतै।
अगहन मेॅ पोथी बतलाबै
राही जी के गौना होतै।