|
तड़ाक!
सफ़ेद गेंद उछलती है हवा में !
ज़ोरदार तालियाँ गूँजती हैं
ओह ओ ......
जब गेंद खो जाती है आकाश में .
दर्शक बौरा जाते हैं
लेकिन खिलाडी शांत है
ख़ुशी से झिलमिलाता !
काश लगा पाती मैं एक होम-रन ,
अगर मिलता मौका मुझे भी
मैं उछलती बल्ले को
अपनी पूरी ताकत से !
अनुवादक: मंजुला सक्सेना