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होरी / चन्द्रमणि

रंग उड़ाबै दबंग भरि झोरी
बल जकरा से करै बलजोरी।
एक बरिसमे एकहि बेर फगुआ
खसल पड़ल बढ़ि भए गेल अगुआ
तन-मन बेढ़ल प्रेमक डोरी।। रंग।।
रंगक असरि पड़ल योगी पर
योगीजीके धोती लाल
रंगक कसरि पड़ल नेता पर
नेताजीकें गोटी लाल
मलपूआ ले‘ बढ़ल झिकझोरी।। रंग।।
आल पड़ल रंग दुनियाकें अंग पर
भरि दुनियाकें आंखिये आल
लाल पड़ल रंग भउजीक तन पर
भउजी मोने-मोन नेहाल
सारिक बिच बहिनोइक होरी।। रंग।।
बेरि बसन्त अनन्त निषाले
पीसै सब भंगगोला
पीबि बताह बनल तकराले
नाम छैक बमभोला
झुनकुट बूढ़क बुढ़िया गोरी।। रंग।।