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होली आई / रामकृपाल गुप्ता

फागुन आया, होलीआई
रंग गुलाल ठिठोली लायी
गुझिया, सेव, चिप्स ठंडाई
भंग जमी, आईअंगड़ाई
स्वागत है मधुमास तुम्हारा
मस्त पलाश, लालअंगारा
सतरंगी द्रुम, पल्लव किसलय
पुष्पबाण ले चली बयारा
गले मिलें और नाचे गाये
जो हो ली, आ उसे जलाये
बैर भाव को मार भगाए
एक नया संसार बनाये