Last modified on 28 सितम्बर 2018, at 01:06

हो गइले दीवाना / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'

सुरजवा के कारण छैला हो गइले दीवाना
खद्दर पहिर के धइले भेस फकिराना
लाठी सहे, हण्टर सहे, लाख-लाख गाली सहे
पुलिस-दारोगा के सहेले तीखे ताना

देखि के जुलुम बैमान अंगरेजवन के
बागी बन के गावेलें आजादी के तराना
चेत-चेत भारत के भाई हो-बहिनिया हो
तोड़ ई हुकूमत सुंदर आइल बा जमाना

कहे रमाकांत राज होई पंचाइत के
जरि जइहें आग में कचहरी अवरू थाना

रचनाकाल : 19.01.1942