पेड़ को
खिला रहा था वह
हवा को ख़ुशबू करता हुआ
झर कर अब
धरती को कर रहा उर्वर
हो तो ऐसा हो जीवन—
हो तो मृत्यु ऐसी हो ।
24 अप्रैल 2010
पेड़ को
खिला रहा था वह
हवा को ख़ुशबू करता हुआ
झर कर अब
धरती को कर रहा उर्वर
हो तो ऐसा हो जीवन—
हो तो मृत्यु ऐसी हो ।
24 अप्रैल 2010