Last modified on 13 सितम्बर 2018, at 19:17

15 अगस्त 1947 / निशांत

हाथ धोते-धोते याद आया
सुबह बिना हाथ धोये खा लिया था रोटी सब्जी

सब्जी खाते वक्त
याद आई थी माँ सुबह-सुबह

सुबह से याद आया
दादा जी बतलाते थे
रात को सोया था हिंदुस्तान में
सुबह पाकिस्तान में खुली थी नींद।