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284 / हीर / वारिस शाह

तुसीं अकल दे कोट अयाल हुंदे लुकमान हकीम दसतूर है जी
बाज भोर बगला अते लौंग कालू शाही शीहनी<ref>कुत्तों के नाम</ref> नाल कसतूर है जी
लोहा पशम पिसत डबा मौत सूरत सबजा होर शाबान मनजूर है जी
पंजे बाज जेहे रक वांग नीचे पौंचा वजया मगर सभ दूर है जी
चक सीह वांगूं गज नींह वांगूं मैंनूं दंद मारन हड चूर है जी
किसे पास ना खोलना भेत पाई जो आखयो कुझ सब मनजूर है जी
आ पया परदेस विच कम मेरा हीर लई इको सिर दूर है जी
वारस शाह हुण बनी है बहुत औखी अगे सुझया कहर कलूर है जी

शब्दार्थ
<references/>