आख रांझया भा की बनी तेरे देस बाप दा छड सिधार नाहीं वीरा अम्बड़ी जाया जा नाहीं सानूं नाल फिराक<ref>वियोग, विछोड़ा</ref> दे मार नाहीं एह बांदियां असीं गुलाम तेरे कोई होर विचार विचार नाहीं बखश एह गुनाह तूं भाबियां नूं कौन जंमिआ जो गुनहगार नाहीं