चल जोगीया असीं विखा लयाईए जिथे त्रिंजणी छोहरियां गांदियां ने
लै के जोगी नूं आन विखाइयो ने इके वहुटियां छोप<ref>लड़कियों के मिलकर कातने को छोप कहते हैं</ref> पांदियां ने
इक नचदियां मसत मलंग बनके इक सांग झुहेटी दा लांदियां ने
रंग दी हेम महीन करके वारस शाह नूं गीत सुनांदियां ने
शब्दार्थ
<references/>