जोगी मंग के पिंड तयार होया आटा मेलके खपरा पूरया ए किसे हस के रूग चा पाया ए किसे जोगी नूं चा वडूरया ए वारस खेड़यां दी झात पाईया सू जिवें चैधवी दा चंद पूरया ए