Last modified on 5 अप्रैल 2017, at 13:56

401 / हीर / वारिस शाह

रांझा वेखके बहुत हैरान होया पइयां दुध विच अवदियां फालड़ियां ने
गुसे नाल जो हशर नू जिमीउते जिउ विच कलीलियां<ref>कचीची</ref> चाड़ियां ने
चीणा<ref>अनाज</ref> चोग चमूनयां<ref>कीड़ें</ref> पायो ई मुन्न चलीए गोलीए दाढ़ियां ने
जिसते नबी दा रवा दरूद<ref>दुआ</ref> नाही अखीं फिरनना मूल उघाड़ियां ने
जैदा पवे परावना नांह मडा पंड नांह बझे विच साड़ियां ने
डुब मोए नी कासथी<ref>जुलाहा</ref> विच चीने वारस शाह ने बोलियां मारियां ने

शब्दार्थ
<references/>