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434 / हीर / वारिस शाह

रोंदा कासनूं बीर बतालिया<ref>बे-सुरा</ref> वे पंज पीरां दा तुध मिलाप मियां
ला जोर ललकार तूं पीर पजे तेरा दूर होवे दुख पाप मियां
जेहड़े पीर दा जोर है तुध ताईं करो उसदा रात दिन जाप मियां
जोर आपना फकर नूं याद आया बाल नाथ मैंडा गुरु बाप मियां
वारस शाह भुखा पया रोवे बैठा दए उन्हां नूं वडा सराप मियां

शब्दार्थ
<references/>