तेरे चंबे दे सेहरे हुसन वाले अज किसे हुशनाक ने लुट लए किसे जालम वे दरद कसीस दितो बद बद कमान दे टुट गए जेहड़े नित निशान छुपांवदी सै किसे तीर-अंदाज ने चुट<ref>निशाने से मारना</ref> लए वारस शाह ओह दरगा दे लाट चुरान जेहड़े पहलड़े रोज हो जुट लए