महीं चरन ना बाझ रंझेटड़े दे माही हार सभे झख मार रहे कोई घुस जए कोई डुब जाए कोई शींह पाड़े कोई पार रहे सयाल पकड़ हथयार ते हो गुंमा मगर लग के खोलिया चार रहे वारस शाह चूचक पछोतावदा ए मूंगू ना छिड़े असीं हार रहे