भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

झील के जजीरे लिख / शीन काफ़ निज़ाम

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:53, 14 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शीन काफ़ निज़ाम |संग्रह=रास्ता ये कहीं नही जाता …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


झील के जजीरे लिख
है सभी अकेले लिख

कुर्बतों के किस्से लिख
रेत-रेत चेहरे लिख

पानियों के सीनों पर
ख्वाब के खजीने लिख

मौसिमों के मातम में
कस्द के कसीदे लिख

आईने के आंगन में
दन है दफीने लिख

बादलों की बोली में
फूल है फ़रिश्ते लिख

धूप और उजालों को
आंख और अंधेरे लिख

धूल-धूल धरती पर
घर के नाम घेरे लिख