भाई कै‘वै
मकान इण नक्सै मुजब बणांवाला।
बै‘न सोचै:
कै बीं रै ब्याव मांय
किस्यौक डिजायन हुवैलौ गै‘णा रौ।
मां बड़बड़ावै -
‘‘ भला नीं है पड़ौसी। ’’
पिता गिणै हर टैम
इन्कम टैक्स रा आंकड़ा
घर रो नौकर
हांसै म्हां सगळा पर
‘‘ ऐ लोग जीवै क्यूं है ?’’