भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हत्भाग / सांवर दइया

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:22, 19 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आखर री आँख सूं / सांवर दइया }} [[Ca…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गूंगो गुड़ रा गीत गावै
बोळियो सरावै

सजी सभा में
पांगळो पग पम्पोळ बोल्यो-
               म्हैं नाचसूं !

आंधो आगै आयो
बाड़ो बोलतो-
      थांरो कांई ठेको लियोड़ो है
      म्हनै ई देख्ण द्यो !

कळावंत !
काठी झाल थारी कलम नै