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जिनके घर आइना नहीं होता / नित्यानन्द तुषार
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जिनके घर आइना नहीं होता
उनको अपना पता नहीं होता
तब खुद़ा को ही याद करते हैं
जब कोई रास्ता नहीं होता
वक़्त के सब .गुलाम होते हैं
उससे कोई बड़ा नहीं होता
सोचना है दिमाग से सोचो
दिल से कुछ फ़ैसला नहीं होता
वक़्त हमको बुरा बनाता है
शख्स़ कोई बुरा नहीं होता
ज़िन्दगी भर 'तुषार' क्या रोना
उससे कुछ फ़ायदा नहीं होता