Last modified on 27 दिसम्बर 2010, at 02:34

इण रम्मत में / सांवर दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:34, 27 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आखर री आँख सूं / सांवर दइया }} [[Ca…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

म्हैं जीतूं अर तूं हारै
का पछै
तूं जीतै
अर म्हैं हारूं
तो इण सूं कांई फरक पड़ै ?

सुण म्हारी मरवण !
आपणै बिच्चै
हार-जीत रा दावा ई बिरथा

तूं जीतणी चावै
तो जीत भलांई नित
म्हनै तो हार कबूल रोजीनै

म्हैं जाणू
इण रम्मत में
हार ई जीत है !