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ममता का मंदिर माँ / शिवराज भारतीय
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लाड़ प्यार का समंदर मां
मोह ममता का मंदिर मां
अच्छी-अच्छी बात बताती
लोरी गाए सुलाए मां
धमकाती जब करें शरारत
रूठें तब पुचकारें मां
मां कहने से मुंह भर आता
हृदय नेह सरसाए मां
मनुज भले बुढ़ा हो जाए
उसे समझती बच्चा मां
सारे तीर्थ-धाम वहीं पर
जिस घर में मुस्काए मां
मां सम नही जगत में दूजा
परमेश्वर भी पूजे मां
मूल राजस्थानी से अनुवाद : स्व. श्रीमती राजेश्वरी पारीक ‘‘मीना’’ द्वारा