हर अनहोनी बात बदल दें
चलो आज हालत बदल दें
सुबह नहीं होनी है जिसकी
आओ ऐसी रात बदल दें
झूठ लिखे जो सच के माथे
एसा कलम- दवात बदल दें
साथी को गुमराह करे जो
साथी, ऐसा साथ बदल दें
जो दिल में नफरत को घोले
आओ ऐसी बात बदल दें
हर अनहोनी बात बदल दें
चलो आज हालत बदल दें
सुबह नहीं होनी है जिसकी
आओ ऐसी रात बदल दें
झूठ लिखे जो सच के माथे
एसा कलम- दवात बदल दें
साथी को गुमराह करे जो
साथी, ऐसा साथ बदल दें
जो दिल में नफरत को घोले
आओ ऐसी बात बदल दें