भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
यदि दे सको / विमलेश त्रिपाठी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:52, 6 जनवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विमलेश त्रिपाठी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> यदि दे सको …)
यदि दे सको
और कुछ नहीं मुझे
सिर्फ़ सच दो
सच को सच की तरह
कहने
और
सहने की
शक्ति दो
और कुछ नहीं...