भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आदमी का पानी / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:48, 9 जनवरी 2011 का अवतरण ("आदमी का पानी / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
पानी-
जो था आदमी का पानी
दहाड़ता
स्वाभिमानी :
संघर्ष की जवानी :
पालतू है अब
आदमी का पानी
न रह गया है तेज-
न है तर्रार
न धारदार
कि उमड़े
बह जाय जंगल
रचनाकाल: २९-१२-१९६७