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वार्ता:लाठी में गुण बहुत हैं / गिरिधर

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लाठी में गुण बहुत हैं, सदा रखिये संग । गहरि , नदी , नाली जहाँ, तहां बचावे अंग ।। तहां बचावे अंग, झपटि कुत्ता कहँ मारै ।