Last modified on 16 जनवरी 2011, at 14:11

न पत्थर चूमता है पत्थर को / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:11, 16 जनवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=खुली आँखें खुले डैने / …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

न पत्थर चूमता है पत्थर को
न पत्थर बाँधता है बाँहों में
पत्थर को
न पत्थर करता है मर्दन पत्थर का
न पत्थर देखता है पत्थर को
न पत्थर उत्तेजित होता है
पत्थर को देखकर
न पत्थर मुग्ध होता है
पत्थर को देखकर
न पत्थर देता है निमंत्रण पत्थर को
न पत्थर उठाता है भुजाएँ


रचनाकाल: ०६-०४-१९९१