भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

टेलीफोन / ओम पुरोहित कागद

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:28, 19 जनवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित कागद |संग्रह=कुचरणी / ओम पुरोहित ‘काग…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


लूंठो चुगलखोर !
जको
इन्नै री बात बिन्नै करै
बिन्नै री बात इन्नै करै
अर
मिनख बावळो
इण चुगलखोर रा
पईसा भरै !