भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

निशा-निशाकर का / केदारनाथ अग्रवाल

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:54, 21 जनवरी 2011 का अवतरण ("निशा-निशाकर का / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

निशा-
निशाकर का
आमोदित अंक मिला।
दिवा-
दिवाकर का अनुरागी
कंजखिला।
दुपहर देवी का,
आँगन में नृत्य हुआ;
सांध्य सुंदरी का
दीपोत्सव दिव्य हुआ।
निशा
दिवा,
दुपहर,
संध्या को
मैंने सतत जिया,
सत्य-समर्पित
कविताओं का
सार्थक
सृजन किया।

रचनाकाल: ०१-०४-१९९१