Last modified on 1 फ़रवरी 2011, at 04:22

रिंघरोहि में / ओम पुरोहित कागद

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:22, 1 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित कागद |संग्रह=आंख भर चितराम (मूल) / ओम प…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

काळी-पीळी रात
रिंघरोही में
धोरां री पाळ
ठीमर-ठीमर
निरत करै
लड़ालूंब हरियल खेजड़ी

हरियल
धानी चूंदड़
फरकावै
आभै साम्ही
अचाणचक
बादळां री ओट सूं निसर
उण री चूंदड़ में
चंदो त्या करै
खेजड़ी गुमेजै
स्यात एसकै
बादळिया स्या करै।

खेजड़ी माथै बैठ्या
मोर-पप्पईयां री बाणी
पिव!
पिव!!