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झूठ री ओट / ओम पुरोहित कागद
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सांच कठै
झूठ ई भंवै
चौगड़दै जगती में।
आत है!
कद सांच
है भी तो
कित्ती क ताळ
छेकड़ तो
झूठ री ओट में
लुकणो है सांच।